वन्य जीवन का महत्व
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
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एक बार मैं जंगल में अपने पथ से भटक गया
घना अन्धेरा छाया था सूनी राहों में अटक गया
मैं सोच रहा था वन्य जीव यहां पर कैसे रहते हैं
कैसे जीवन कटता होगा क्या खाते और पहनते हैं
मैं सुनसान जगह पर बैठ गया निद्रा देवी ने जकड़ लिया
तभी जंगली जानवरों ने मुझको आकर घेर लिया
मेरे पास वो बैठ सभी ने अपनी व्यथा सुनाई थी
मानव से हम सब डरते हैं फिर दारुण कथा बताई थी
हम सब भी हैं वन्य जीव ईश्वर ने हमें बनाया है
पर इस धरा के मानव ने हम सब को मार के खाया है
मानव जंगलों का दुश्मन है इसी से हमको मार रहा
वन सम्पदा मिटाने को वो हमको पथ से हटा रहा
जंगल हर जीव के रक्षक हैं मां बाप की तरह पालते हैं
भोजन,पानी या आक्सीजन हर जीव के तन में डालते हैं
वनों के जीवन का महत्व हर जीव के लिए जरूरी है
वन यदि नहीं रहेंगे तो घुट घुट जीना मजबूरी है
स्वरचित:- विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
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#peoplefarm
Shnaya
28-May-2022 03:22 PM
बेहतरीन
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Chirag chirag
27-May-2022 05:50 PM
Nice
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Pallavi
26-May-2022 09:33 PM
Nice
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